Thursday, 5 May 2011

ऑपरेशन ओसामा: जेरोनिमो क्या है ?

ऑपरेशन ओसामा: जेरोनिमो क्या है ?


अमरीकी मूल जनजाति के एक लड़ाके जेरोनिमो के नाम पर ऑपरेशन ओसामा का नाम रखा गया.

ओसामा बिन लादेन को पकड़ने के लिए अमरीका ने जो अभियान चलाया था उसका कोडनेम रखा था जेरोनिमो. तो आख़िर क्या है जेरोनिमो और क्यों रखा था ये नाम?

जेरोनिमो, अमरीकी मूल की जनजाति के एक लड़ाके का नाम था.

वर्ष 1887 में ली गई उनकी एक तस्वीर में उन्हें एक रायफ़ल लिए हुए दिखाया गया है.

इसी दिलेर लड़ाके ने गोरे अमरीकियों का विरोध करने वाले अमरीकी मूल जनजाति के आख़िरी जत्थे का नेतृत्व किया था.

जब अमरीकी कमांडों ने ओसामा को मार गिराया तब इसकी सूचना राष्ट्रपति बराक ओबामा को ये कहते हुए दी गई थी, ''जेरोनिमो ईकेआईए-इनेमी किल्ड इन एक्शन''

लेकिन अमरीकी अधिकारियों ने ये नहीं बताया कि उन्होंने ये कोडनेम क्यों रखा था और शायद वो कभी ना बताएं.

ये जेरोनिमो पर मिसाइल दाग़ने जैसा है. आपको कुछ बदमाशों को मारने में सफलता मिल जाएगी लेकिन इससे क्या फ़र्क़ पड़ेगा.

एलन मिलेट, अमरीकी सेना के रिटायर्ड कर्नल

एक विश्लेषक ने एक दफ़ा ओसामा बिन लादेन को 21 वीं सदी का जेरोनिमो कहा था. हो सकता है कि इस कोडनेम के पीछे इसका असर रहा हो.
जेरोनिमो

अफ़ग़ानिस्तान के पहाड़ों और गुफ़ाओं को बड़ी आसानी से अमरीका के सिएरा मैडरे पर्वत श्रृंखलाओं से जोड़ कर देखा जा सकता था जहां 19 वीं सदी में असल जेरोनिमो अमरीकी सैनिकों को लंबे समय तक चकमा देता रहा था.

अफ़ग़ानिस्तान में ओसामा की खोज के बारे में 2001 में अमरीका के एक रिटायर्ड मरीन कर्नल एलन मिलेट ने कहा था,'' ये जेरोनिमो पर मिसाइल दाग़ने जैसा है. आपको कुछ बदमाशों को मारने में सफलता मिल जाएगी लेकिन इससे क्या फ़र्क़ पड़ेगा?''

जेरोनिमो का जन्म 1829 में मौजूदा न्यू मैक्सिको में हुआ था.

अमरीकी मूल जनजाति का एक नेता होने के नाते उन्होंने स्पेन और उत्तरी अमरीकी दोनो के ही औपनिवेशिक नीतियों का विरोध किया था.

मैक्सिको पुलिस ने उनके परिवार के सदस्यों को मार दिया था जिसके बाद जेरोनिमो ने बदला लेने का ठान लिया था और ज़्यादा से ज़्यादा मैक्सिकन सैनिकों को मारने का फ़ैसला किया था.

कुछ ही दिनों में एक लड़ाके की तौर पर जेरोनिमो का नाम अमरीकी अधिकारियों की ज़बान पर था.

वो आख़िरकार 1886 में पकड़े गए थे.

अमरीकी सेना की दो विशिष्ट टुकड़ियों का नाम जेरोनिमों के नाम पर है.यहां तक की हवाई जहाज़ से पैराशूट के ज़रिए छलांग लगाते हुए अमरीकी सैनिक जेरोनिमो का नाम लेते हैं. यहां तक की कोई बच्चा जब कोई बहादुरी वाला काम करता था तो उस समय वो भी जेरोनिमो कह कर चिल्लाता था.

गोरे अमरीकियों का विरोध करने के कारण ही कई इतिहासकारों ने उनके जीवन का चित्रण काफ़ी हमदर्दी के साथ पेश किया है.

लेकिन चौंकाने वाली बात ये है कि अमरीकी सेना की दो विशिष्ट टुकड़ियों का नाम जेरोनिमों के नाम पर है.

यहां तक कि हवाई जहाज़ से पैराशूट के ज़रिए छलांग लगाते हुए अमरीकी सैनिक जेरोनिमो का नाम लेते हैं.

जब कोई बच्चा जब कोई बहादुरी वाला काम करता है तो उस समय वो भी जेरोनिमो कह कर चिल्लाता है.

इराक़ और अफ़ग़ानिस्तान मे भी तैनात अमरीकी सेना की कुछ टुकड़ियों ने जेरोनिमो उपनाम रखा हुआ है.

जेरोनिमो को ओकलाहोमा के फ़ोर्ट सिल में दफ़्न किया गया था.

लेकिन उनके वंशजों का कहना है कि उन्हें उनके असल घर न्यू मैक्सिको की गिला पहाड़ियों में दफ़नाया जाना चाहिए.

उनका मानना है कि जब तक उन्हें सही रीति रिवाज़ों के साथ नहीं दफ़नाया जाएगा उनकी आत्मा भटकती रहेगी.

डॉ. माया शंकर झा

कोलकाता

सन्दर्भ : बी.बी.सी. न्यूज़

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